Author : V.D. Mahajan
Price : 575.00 460.00
भारत के प्रस्तुत संशोधित संस्करण में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के नवीनतम पाठ्यक्रमों तथा विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के पाठ्यक्रमों को दृष्टि में रखते हुए आवश्यक संशोधन किए हैं। पुस्तक के इस संस्करण में भाषा को अधिक सरल और प्रवाहपूर्ण बनाकर प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक के पुराने अध्यायों को नया रूप दिया गया है तथा उनमें कुछ विस्तार किया गया है। मध्यकालीन भारतीय इतिहास से संबधित जो भी महत्त्वपूर्ण सामग्री हो सकती है, उसे इस संशोधित एवं परिवर्धित संस्करण में शामिल किया गया है। प्रत्येक अध्याय के अन्त मंे दीर्घ उत्तरीय, लघु उत्तरीय और बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या में भी पर्याप्त वृद्धि की गई है, जोकि विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी। इस पुस्तक के प्रथम अध्याय में पर्याप्त संशोधन किए गए हैं। इस अध्याय के महत्व को दृष्टि में रखते हुए इसे अत्यधिक सरल एवं रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
प्रस्तुत पुस्तक के दो भाग ';दिल्ली सल्तनत' तथा ';मुगलकाल' की समाप्ति पर अत्यन्त महत्त्वपूर्ण परिशिष्ट प्रस्तुत किए गए हैं।
जो विद्यार्थियों के लिए मध्यकालीन इतिहास के अध्ययन की दृष्टि से बहुत उपयोगी सिद्ध होंगे।
भाग-1ः सल्तनत कालः 1. मध्यकालीन भारतीय इतिहास के स्रोत, 2. इस्लाम का उत्कर्ष, 3. अरबों द्वारा सिन्ध की विजय से पूर्व भारत की दशा, 4. अरबो द्वारा सिन्ध की विजय, 5. मुसलमानों के आक्रमण के समय का भारत, 6. गजनी वंश का अभ्युदय और पतन, 7. मुहम्मद गौरी अथवा गुर वंश का मुहम्मद, 8. दास वंश, 9. खिलजी वंश, 10. भारत पर मंगोल आक्रमण, 11. तुगलक राजवंश, 12. सैय्यद वंश (सन् 1414-51 ई.), 13. लोदी वंश और दिल्ली सल्तनत का पतन, 14. विजयनगर और बहमनी सामाज्य, 15. दिल्ली सल्तनत की शासन व्यवस्था, 16. सल्तनत काल में स्थापत्य एवं साहित्य, 17. सल्तनत काल में सामाजिक तथा आर्थिक जीवन, 18. भक्ति आन्दोलन एवं सूफीवाद, 19. भारत पर मुस्लिम विजय का प्रभाव, 20. मध्यकालीन भारत में शासन का स्वरूप, भाग-2ः मुगलकालीन भारतः 1. बाबर के आक्रमण से पूर्व भारत की दशा, 2. जहीरफद्दीन मुहम्मद बाबर (सन् 1526-30 ई.), 3. हुमायूँ (1530-1556 ई.), 4. शेरशाह सूरी और उसके उत्तराधिकारी, 5. अकबर (सन् 1556-1605) ई., 6. जहाँगीर, 7. शाहजहाँ (सन् 1627-1658 ई.), 8. औरंगजेब (सन् 1658-1707 ई.), मराठा शक्ति का अभ्युदय और विकास, 10. सिक्खों की शक्ति का अभ्युदय और विकास, 11. मुगल शासन-प्रणाली, 12. मुगलकालीन कला और साहित्य, 13. मुगलकालीन भारत की सामाजिक व आर्थिक अवस्था, 14. मुगल सम्राटों की धार्मिक-नीति, 15. मुगल सग्राटों की दक्षिण-नीति, 16. मुगल साम्राज्य का पतन तथा विघटन , 17. अठारहवीं शताब्दी में समाज और संस्कृति, 18. मुगल काल का इतिहास और उसके इतिहासकार
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