Author : Gaurav Datt & Biswajit Nag
Price : 799.00 639.20
रुद्र दत्त एवं के.पी.एम. सुन्दरम की मूल पुस्तक "भारतीय अर्थव्यवस्था" के आत्मस्वरूप को बनाए रखने का प्रयास करते हुए, यह संशोधित संस्करण "दत्त एवं सुन्दरम की भारतीय अर्थव्यवस्था" की एक अद्यतन समीक्षा प्रस्तुत करता है। यह संस्करण मौजूदा भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को आधुनिक दृष्टिकोण से देखने के लिए रुझानों और मुद्दों की एक नवीनतम समीक्षा प्रस्तुत करता है। इस व्यापक अपडेट में भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने आने वाले अवसरों और चुनौतियों के लगातार बदलते कैनवास की आलोचनात्मक समझ को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत, मूल पुस्तक में पूरी तरह से नए लेखन का समावेश किया गया है।
यह संस्करण दीर्घकालिक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को बनाए रखते हुए समकालीन प्रधान बिंदुओं से तेजी से जटिल होती भारतीय अर्थव्यवस्था की उभरती यात्रा का अध्ययन करने के एक नए प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है।
पुस्तक को पांच भागों में विभाजित किया गया है, पहला भाग भारतीय अर्थव्यवस्था की विकसित होती संरचना का अवलोकन करता है, जिसमें भारत को एक विकासशील अर्थव्यवस्था के रूप में प्रस्तुत किया गया है, और आर्थिक वृद्धि, जनसांख्यिकीय रुझान, मानव विकास, बुनियादी ढांचे और पर्यावरण की चर्चा की गयी है। दूसरा भाग भारत की योजना प्रणाली और अर्थव्यवस्था क्षेत्र के विकास पर प्रकाश डालता है। राष्ट्रीय चिंताओं के क्षेत्र के रूप में गरीबी, असमानता, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा के विषयों पर तीसरे भाग मे उल्लेख किया गया है । चौथा भाग वित्तीय-मौद्रिक प्रणाली और भारत के वित्तीय क्षेत्र नीति के प्रमुख पहलुओं पर चर्चा करता है, जिसमें संघीय बजट 2023-24 की विस्तृत समीक्षा शामिल है। अंतिम भाग व्यापार, प्रौद्योगिकी और वैश्वीकरण पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें व्यापार नीति, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, विश्व व्यापार संगठन के साथ भारत के इंटरफेस, वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भागीदारी और भारत के वैश्विक आर्थिक मंच पर तकनीकी स्थिति के विषय में वर्णन करता है।
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